तेरा...होने लगा हूं - 24

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आधी रात हो चली थी काया थकी हुई बेड की एक कोने पर सिर टिकाए  आंखें बंद किए गहरी सोच में थी। पिछले कुछ दिनों से जब से मोक्ष उसकी जिंदगी में आया है नींद सुकून तो जैसे उसकी जिंदगी से गायब हो चुकी थी। अचानक कमरे का दरवाजा खुलने की आवाज से वो अपने हाथों की मुठिया बना लेती है। सांस सहमी हुई दिल जोरो से धड़क रहा था ।लेकिन शरीर में कोई और हलचल नहीं थी।मोक्ष कमरे के अंदर आता है और बिना काया पर नजर डालें अपना शर्ट के बटंस खोलते हुए सीधे वॉशरूम की तरफ चला