उस परछाई ने एक जोर की कराह के साथ तांत्रिक भैरवनाथ से कहा “भैरवनाथ जी आप जो चाहते हैं में वैसा ही करूँगा पर आप कृपया अपनी मंत्र शक्ति का प्रयोग बंद कर दीजिये क्योंकि मैंने आज तक कभी किसी को परेशान नहीं किया पर पता नहीं क्यों आप ने मुझे यहाँ कैद कर के रखा है और कुछ भी कहे बिना मुझे मंत्रों से प्रताड़ित कर रहो हो, कृपया आप बताइए आप क्या चाहतें है में वो कुछ भी करने को तैयार हूँ जो में कर सकता हूँ”।अब आगे: तांत्रिक भैरवनाथ जी मंत्र पढ़ना बंद कर देते हैं क्योंकि