महाशक्ति - 12

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महाशक्ति – 12वां अध्याय: युद्ध और भविष्यवाणी का संकेतराक्षस और देवताओं का महायुद्धदेवलोक और पृथ्वीलोक की सीमाओं पर एक भीषण युद्ध छिड़ चुका था। राक्षसों की सेना देवताओं पर भारी पड़ रही थी। अंधकार के बीच गूंजती तलवारों की टकराहट, अस्त्र-शस्त्रों की चमक, और रणभूमि की धूल से पूरा वातावरण कंपायमान हो रहा था।देवताओं के सेनापति इंद्र और असुरों के राजा विरोचन आमने-सामने थे। इंद्रदेव ने वज्र चलाया, लेकिन विरोचन ने अपनी मायावी शक्ति से उसे निष्क्रिय कर दिया। इसी बीच, अर्जुन भी युद्धभूमि में मौजूद थे, अपनी सेना का नेतृत्व करते हुए। वे अपनी तलवार से राक्षसों को परास्त