महाशक्ति – आठवां अध्याय: दिव्य द्वार के उस पारअर्जुन और अनाया के सामने एक विशाल शिवलिंग स्थापित था, जिसकी ऊर्जा पूरे वातावरण में प्रवाहित हो रही थी। गुफा के अंदर एक रहस्यमयी शांति थी, लेकिन साथ ही एक अजीब-सी चुनौती भी महसूस हो रही थी।"यह जगह कुछ अलग लग रही है," अनाया ने धीरे से कहा।अर्जुन ने ध्यानपूर्वक चारों ओर देखा और महसूस किया कि यह सिर्फ एक गुफा नहीं थी, बल्कि एक दिव्य कक्ष था। तभी शिवलिंग के पास लगी एक प्राचीन शिला अचानक अपने आप चमकने लगी।दिव्य संदेश और अगली परीक्षाशिला पर लिखे अक्षर धीरे-धीरे उभरने लगे:"जो इस