तेरे शहर में

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तेरे शहर मेंकहानी/शरोवन***‘नवरोश को जब अपने काम के सिलसिले में रत्नागिरि जाने का अवसर मिला तो उसे यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता हुई कि सारे शहर के लोग उसे शक्ल से ना जानकर उसके नाम से बख़ूबी जानते हैं, पर वहां पर जो उसे बहुत करीब से जानता था, उसके पास कहने के लिये शब्द ही नहीं थे।’***अचानक से आकाश में एक तिहाई चांद के बदन को जब एक आवारा लावारिस सी बदली ने आकर अपने अंक में छुपा लिया तो पल भर में सारा आलम मटमैली चांदनी के रंग में फीका पड़ गया। इस प्रकार कि बढ़ती हुई रात की