यह कहानी पूरी तरह से एक काल्पनिक रचना है, जिसका किसी भी जाति, धर्म, समुदाय या किसी वास्तविक घटना से कोई संबंध नहीं है। यह केवल मेरे मनोभावों और कल्पनाओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना या किसी भी प्रकार का विवाद उत्पन्न करना नहीं है। यदि लिखते समय मुझसे कोई त्रुटि हुई हो, कोई शब्द या प्रसंग अनुचित लगा हो, तो कृपया इसे अनजाने में हुई भूल समझकर क्षमा करें। आपके विचारों और भावनाओं का मैं पूर्ण सम्मान करता हूँ।बनारस के एक पॉश इलाके में स्थित भव्य हवेली में सुबह का शुभारंभ हो