टूटे हुए दिलो का अश्पताल - 8

एपिसोड 8: दोस्ती या धोखा?भूमिका:आदित्य की जिंदगी में भावेश की एंट्री किसी भूले हुए अध्याय के दोबारा खुलने जैसी थी। बीते पाँच सालों से आदित्य ने उस चेहरे को अपनी यादों से मिटाने की कोशिश की थी, लेकिन अब वही इंसान उसके सामने था। भावेश की आँखों में एक अजीब सी बेचैनी थी—शायद पछतावे की, या फिर किसी नए खेल की शुरुआत की।भावेश की मजबूरी या चाल?आदित्य के लिए ये समझना मुश्किल था कि क्या भावेश सच कह रहा था या फिर ये सब उसकी कोई नई चाल थी। उसने वार्ड के बाहर आकर गहरी सांस ली। उसके मन में