भूत लोक -12

मुझे पता था राज  की तुम अपने जिज्ञासु स्वभाव की वजह से ये सब मुझसे जरूर पूछोगे, सुनो “जब हम भूल-भुलैया के अंदर थे तब कुछ दूर चलते ही मुझे एक अजीव सा अहसास हुआ और जब में उस अहसास को समझने के लिए दीवार के नजदीक गया तो मेरे गुरुदेव की कृपा से दीवार पर हाँथ रखते ही मुझे उस जगह की सभी घटनाएँ स्पष्ट रूप से मेरे आँखों के सामने होती हुई दिखने लगीं, जिससे मुझे इस ईंट के टुकड़े का युवराज दक्ष  के साथ का संबंध भी नज़र आया, इसलिए तुमसे इस ईंट के टुकड़े को काटने