भूत लोक - 11

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तांत्रिक भैरवनाथ  जी राज  और मुकेश  को दरवाजे से दूर करके वहीं जमीन पर ध्यान की मुद्रा में बैठ गए और ध्यान करने लगे। दोनों दोस्त भैरवनाथ  जी के आस-पास बैठ गए और उन्हें ध्यान से देखने लगे। कुछ समय में ही एक सफ़ेद और तेज प्रकाश भूल-भुलैया के दरवाजे से छनकर अन्दर आने लगा, धीरे-धीरे उस प्रकाश ने पूरी भूल-भुलैया को अपने आगोश में ले लिया। वो प्रकाश पूरी तरह सफ़ेद है और उसमें से ॐ की धीमी पर स्पष्ट आवाज आ रही है, राज  और मुकेश  को समझ नहीं आ रहा की ये प्रकाश अंगारा  के तिलिस्म का