राज ये सब देख कर अपना होश खोने लगा, मुकेश ने उसे सहारा देकर पास के एक पत्थर से टिका कर खड़ा कर दिया। राज अब भी अपनी आँखों को बंद किये हुए है और मुकेश को अपने से दूर कर रहा है, उसे अभी भी लग रहा है की मुकेश की जगह कोई भूत या भूत उसके साथ है, अचानक वहां का मौसम फिर से बदलने लगा और अभी तक दिखने वाले सभी भयावह और बुरे निशान गायब हो गए, एक जानी-पहचानी आवाज राज और मुकेश के कान से टकराई “क्या हुआ बच्चों”।ये ओर कोई नहीं तांत्रिक भैरवनाथ जी