**एपिसोड 37: अतीत के साये और भविष्य की रोशनी**समीरा की जिंदगी अब धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही थी, लेकिन उसकी आंखों में अभी भी अतीत के घाव ताजा थे। राहुल और सलोनी की साजिश ने उसे भीतर तक झकझोर दिया था, लेकिन अब वह कमजोर नहीं थी। उसने अपने हौसले को अपनी ताकत बना लिया था।### **समीरा का आत्मसंघर्ष**वह अब भी कई बार सोचती थी कि आखिर उसने क्या गलती की थी जो उसे इतनी बड़ी सजा मिली। क्या प्यार करना उसकी गलती थी? क्या भरोसा करना उसका गुनाह था? लेकिन फिर उसे एहसास हुआ कि गलती उसकी नहीं थी,