एपिसोड 30:डर और हकीकत का सामनारहस्यमयी मैसेज का डरसमीरा देर रात तक जागती रही। वह मैसेज को बार-बार पढ़ रही थी –"मुझे भूल मत जाना... मैं लौट आया हूँ।"यह सिर्फ एक इत्तेफाक हो सकता है, लेकिन उसके दिल को यकीन था कि यह राहुल ही हो सकता है।अगली सुबह उसने खुद को शांत किया और ऑफिस जाने की तैयारी करने लगी। लेकिन डर अभी भी उसके मन में था। उसने विजय को इस बारे में बताने का सोचा, लेकिन फिर खुद को रोक लिया। वह नहीं चाहती थी कि कोई उसे कमजोर समझे।ऑफिस में बेचैनीऑफिस में भी समीरा का ध्यान