एपिसोड 28: समीरा का आत्म-संघर्ष और नई चुनौतियाँ---समीरा अब अपनी नई ज़िंदगी की ओर बढ़ रही थी, लेकिन क्या बीते हुए कल को इतनी आसानी से भुलाया जा सकता था?पुरानी यादों की परछाइयाँरात के सन्नाटे में, जब पूरा शहर गहरी नींद में था, समीरा बालकनी में बैठी थी। ठंडी हवा उसके चेहरे से टकरा रही थी, लेकिन उसका मन अशांत था। उसकी आँखों में न जाने कितनी बातें थी, कितने सवाल थे।"क्या मैंने सही किया?" उसने खुद से पूछा।उसे राहुल की याद आ रही थी। वह इंसान जिसने उसे प्यार के नाम पर सिर्फ दर्द दिया, धोखा दिया, क्या वह