अंतिम संदेशरात के 2 बजे का समय था। घने कोहरे में लिपटी दिल्ली की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था। पत्रकार रवि शर्मा अपने ऑफिस से लौट रहा था, जब उसके फोन पर एक अज्ञात नंबर से मैसेज आया—"अगर सच जानना चाहते हो, तो कल रात पुरानी हवेली आओ। अकेले।"रवि चौंक गया। वह क्राइम रिपोर्टिंग करता था और कई खतरनाक मामलों की पड़ताल कर चुका था, लेकिन यह संदेश अजीब था। पुरानी हवेली? वो जगह तो कई सालों से वीरान थी। वहां जाने का मतलब था किसी अनजाने खतरे को बुलावा देना। लेकिन उसके अंदर का पत्रकार जाग चुका था।