अनिकेत अपने कमरे में बैठा सुहानी को देख रहा था सुहानी बेड पर चुपचाप बैठी थी अनिकेत सोफे से उठकर सुहानी के पास बैठता हुआ सुहानी से थोड़ा सख्त लहजे में पूछता है ," क्या कर रही हो तुम तैयार नहीं हूई घर नहीं जाना तुम्हें? "सुहानी- " जाना है" ,,,,,,,,,, अच्छा जाना है पर मेरा मन तो नहीं है तुम्हें कहीं भी जाने देने का लेकिन हां अगर तुम्हारा बहुत मन है तो तुम्हें घर जाने को मिलेगा पर उसके पहले मैं जो पूछूंगा उसका सही सही जवाब देना होगा बोलो दोगी सुहानी- हां,,,,,,, अनिकेत फिर से थोड़ा सख्त