सुबह के 8 बजे तांत्रिक भैरवनाथ जी अपने कमरे से निकलते हैं और बाकी सभी को उठाते हैं। राज और बाकी सभी नित्य क्रिया पूरी करके हॉल में जमा हो जाते हैं पर इस सब में सभी ने इस बात का पूरा ध्यान रखा की एक न एक व्यक्ति सुरेश के पास जरूर मौजूद रहे। अब तांत्रिक भैरवनाथ जी सभी को एक जगह बैठा कर अपनी आगे की योजना के बारे में विस्तार से बताने लगे।भैरवनाथ जी बोले “इतने समय तक ध्यान में रह कर, में अंगारा को मुक्ति दिलाने और हमेशा- हमेशा के लिए उसे अपने लोक में भेजने