भैरवनाथ जी ने पास ही रखे सिंदूर को उठने की कोशिश करने लगे पर अपने सूक्ष्म रूप में होने की वजह से वो उस सिंदूर को नहीं उठा पाए ये देख कर भूत अंगारा बहुत जोर से हंसा और उड़ता हुआ सीधे कमरे की छत से सर को मार देता है, छत से टकराते ही सुरेश का शरीर एक जोर कि आवाज के साथ फर्श पर आकर गिरता है, ठीक इसी समय तांत्रिक भैरवनाथ राज को इशारा कर के कुछ कहते हैं, और राज फुर्ती से सिंदूर को उठा के सुरेश के माथे पर लगा देता है और साथ ही