लखनऊ - ढेर सारे सपनों को सच करने वाला शहर एक से एक गुणी कलाकारों,लेखकों ,शायरों ,राजनीतिज्ञों, शतरंजी चालों का शहर नवाबों की रईसी के तमाम किस्सों- कहानियों से अंटा पड़ा शहर नाज़ुक मिजाजी भी यहाँ का दस्तूर है और सुंदरता ? अजी जनाब , उसके क्या कहने ! लेकिन मैंने यह महसूस किया है कि अब यहाँ का समाज अपना मिजाज बदलता जा रहा है ”पहले आप” का जुमला अब “पहले मैं” में तब्दील होता नजर आ रहा है मैंने तो अपने बाईस