अब नकचडी की स्कूल की पढ़ाई पूरी हो गई थी मे बारवी मे आ गया मुझे पता था की उसके बिना ये साल मे निकाल ही नही पाऊंगा क्युकी जब वो एक दिन स्कूल मे नही आती थी तो मेरी जान ही निकल जाती थी जैसा बिना आत्मा का शरीर मे पूरी दिन उदास ही रहता था अब नकचडी पुरा एक साल तक मुझसे नही मिलने वाली थी उसके बिना ही मुझे स्कूल की आखरी कक्षा निकाल नी थी ! मैने बहुत महीने उसकी याद मे ही निकाले अब तो उसके साथ ज्यादा बात भी नही होती थी ! उसके बिना सब