जुर्म की दास्ता - भाग 7

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जयदीप ने फिलहाल सुजान के विरुद्ध और कुछ कहना उचित नहीं समझा। उसे उन दोनों की ही बात ठीक लगी थीकि जब तक सुजान के विरुद्ध कोई ठोस सबूत हाथ न लग जाए जब तक उसके विरुद्ध खुलेआम कोई आरोप लगाना ठीक नहीं।लिहाजा जब पुलिस ने आकर बयान लिए तो उन्होंने हमले की घटना के बारे में तो विस्तार से बता दिया लेकिन सुजान का नाम कहीं नहीं लिया।जब पुलिस ने जयदीप से पूछा कि वह सही मौके पर सहायता के लिए कैसे पहुंच गया तो उसने बयान दिया कि वह एयरपोर्ट कुछ देर से पहुंचा तब तक यह दोनों