जंगल में अंधेरी रात को ध्रुव अपनी साधना में लगा हुआ था उस रात साधना का आठवां दिन था और जो साधना वह कर रहा था उसे सिद्ध करने का समय नौवा दिन का था लगातार मंत्र जाप करते हुए वह साधना कर रहा था उसे ऐसा लग रहा था जैसे कि उसके आसपास न जाने कितने जंगली जानवर गुर्रा रहे हो और उसके शरीर पर रेंग रहे हो उसकी गर्दन में अजीब सी घुटन महसूस हो रही मानो किसी ने उसकी गर्दन पकड़ रखी हो इतना सब कुछ होने के बाद भी वह साधना किए जा रहा था उसके