में और मेरे अहसास - 120

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बदलता मौसम सुहाना बदलता मौसम प्यारा पैग़ाम लेकर आया हैं l साथ अपने रिश्तों की नजाकत के सुकून लाया हैँ ll   शीतल ठंडी चाँदनी की बरसात में भीगी हुई l हसीन हुस्न की खूबसूरती को आँखों ने समाया हैँ ll   सैलाब बनकर बहा ना ले जाए कहीं संभल जा क्यूँकी l फिझाओ में बहका देनेवाला नशीलापन छाया हैँ ll   बदले हुए मौसम की दिलदारी तो देखो तो जरा l झरे झरे लम्हे लम्हे में पुरानी यादों का साया हैँ ll   कुछ इस तरह की हवा चली बदले हुए रुख से l पेड़ो की पत्तियों ने खुशी