..जुन्नूनियत..सी..इश्क.. (साजिशी इश्क़) - 16

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...!!जय महाकाल!!...अब आगे...!!अपने रूम में बैठी द्रक्षता अपनी उंगली में पहनी रिंग को देख रही थी.....उसके चेहरे पर मुस्कान थी.....ना जाने क्या सोच कर....."आप और मैं कुछ दिनों में एक रिश्ते में बंद जाएंगे.....हम तो आपके साथ खुद को सोच तक नहीं पा रहे है.....कैसे रहेंगे.....एक ही कमरे एक ही बिस्तर पर.....!!"ये सोच उसने अपनी आँखें बंद कर ली.....और गहरी नींद में सो गई.....वहीं सात्विक बेसब्री से अपनी शादी के कितने दिन बचे है.....गिन रहा था.....बिस्तर पर शर्टलेस वो बहुत अव्वल दर्जे का खूबसूरत व्यक्ति लग रहा था.....सात्विक अपने हाथ में अपना फोन लेकर.....लॉकस्क्रीन को ओपन किया.....तो बैकग्राउंड पर द्रक्षता