तेरा...होने लगा हूं - 19

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मोक्ष काया के चेहरे से बिखरे बालों को हटाकर  उसे निहार ही रहा था कि तभी दरवाजे की तरफ से एक बार फिर खटखटाना की आवाज आती है  और इस बार एक पतली प्यारी सी आवाज के साथ......"भाभी उठ गई है क्या ?दादी ने आपके लिए  साड़ी और गहने भेजे हैं पहन कर पूजा के लिए आना है।"मोक्ष के हाथ उसके चेहरे के पास रुक गए । वो काया को सिर से पांव तक अजीब सी नजरों से देखने लगा । सिंदूरी लाल रंग  का लहंगा उस पर काया के दूध से सफेद बदन और ऊपर से काया ने दुपट्टा