सिनेमा: एक अधूरी फिल्मरोहन एक महत्वाकांक्षी फिल्म निर्देशक था, जो अपनी पहली फिल्म बनाना चाहता था। उसके पास विचारों की कोई कमी नहीं थी, लेकिन संसाधनों की भारी कमी थी। मुंबई के एक छोटे से कमरे में रहकर वह दिन-रात अपने सपने को साकार करने के लिए संघर्ष कर रहा था।एक दिन, उसे एक दिलचस्प कहानी सूझी—एक असफल अभिनेता की कहानी, जिसे अपनी आखिरी फिल्म कभी पूरी करने का मौका नहीं मिला। यह विचार उसे इतना पसंद आया कि उसने पूरी रात जागकर पटकथा लिखनी शुरू कर दी। उसकी फिल्म का नाम था "अधूरी फिल्म"।रोहन ने अपने दोस्तों को अपनी