स्वयंवधू - 38

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गलत यादे?दो महीने तक गहरी कोमा में रहने के बाद अंततः वह जाग उठी। अधीर के आने के बाद मुझे उसके भविष्य की चिंता होने लगी थी।और उस समय माता सरस्वती मेरी जीभ पर बैठी थीं। मेरी चिंताएँ सटीक थी! जैसे ही समीर अंदर दाखिल हुआ, एक डॉक्टर जिसने उससे पहले कोमलता से बात की थी उसने उसे सोते समय गर्दन पर हताश होकर कुछ इंजेक्शन लगाया। यह हर वक्त की तरह कोई सफ़ेद तरल नहीं थी बल्कि काले और भूरे रंग की गाढ़ी चीज़ थी।उसने जाँच की कि क्या उसने अस्वीकृति का कोई संकेत तैयार नहीं दिखाया?समीर के फोन