मैरेज़ डील - एक अनोखा रिश्ता - 8

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"ठिक है मानता हूं के तू मुझ से ज्यादा क्रिएटिव हे... तेरे वजह से हमारी कंपनी का ज्यादा नाम हे.... तू सब से ज्यादा मेहनत करता हे....और ये भी सच है के तू सब से जायदा अक्कल मंद हे।लेकीन इस का ये मतलब नहीं के.... में किसी लायक नही हू। पार्टनर हु इस कंपनी का ।और तू यहां मुझे अपना सेक्रेटरी बनाकर.... पेन उठाने से लिकर.... काफी मंगवा ने का काम करवा राहा हे।"....... ये अमन था जो क्लाइंट के जानेके बाद राजबीर पर बरस पड़ा था ।और एक ही सांस में बोल ता गया..... बोल ता गया ये आस