दो दिलों का मिलन - भाग 8

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मुस्कान की ट्रेनिंग अब लगभग चार महीने पूरे कर चुकी थी। लोकेश के मन में अब भी असुरक्षा बनी हुई थी, लेकिन उसने खुद को समझा लिया था कि मुस्कान उसे छोड़कर नहीं जा सकती।इसी दौरान, एक अजीब घटना घटी।एक अनजान नंबर से कॉलएक रात, करीब 11 बजे, लोकेश के फोन पर एक अनजान नंबर से कॉल आया।"हैलो?"दूसरी ओर कुछ देर तक खामोशी रही, फिर एक धीमी आवाज़ आई—"लोकेश... मुस्कान खतरे में है।"लोकेश की साँसें रुक गईं।"कौन बोल रहा है?" उसने घबराते हुए पूछा।लेकिन जवाब देने के बजाय फोन कट गया।लोकेश का दिल तेजी से धड़कने लगा। उसने तुरंत मुस्कान