दो दिलों का मिलन - भाग 5

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मुस्कान और लोकेश का रिश्ता दिन-ब-दिन मजबूत होता जा रहा था। बाग में उनकी मुलाकातों का सिलसिला अब कम नहीं हुआ था, बल्कि और भी ज्यादा गहरा हो गया था। जहां एक ओर मुस्कान अपनी पारिवारिक परेशानियों से जूझ रही थी, वहीं लोकेश उसे हर कदम पर सहारा दे रहा था। उनके बीच की समझ और समर्थन अब एक स्थायी बनावट का रूप ले चुका था, और दोनों एक-दूसरे को अपने जीवन का अहम हिस्सा मानने लगे थे।लेकिन मुस्कान के परिवार में चीजें अभी भी आसान नहीं थीं। उसके माता-पिता की स्थिति को ठीक करने के लिए मुस्कान ने अपनी