एक कदम बदलाव की ओर - भाग 4

गांव में अर्चना के आंदोलन को लेकर हंगामा मचा हुआ था। उसकी बातें अब केवल महिलाओं तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि कुछ पुरुष भी उसकी विचारधारा से प्रभावित हो रहे थे। लेकिन जैसे-जैसे उसके समर्थकों की संख्या बढ़ रही थी, विरोध करने वाले भी उतने ही उग्र होते जा रहे थे। कुछ रूढ़िवादी लोग, जो धर्म और परंपरा के नाम पर इस कुप्रथा का समर्थन कर रहे थे, अर्चना को हर हाल में रोकने का प्रयास करने लगे।पुरानी सोच का विरोधगांव के चौपाल पर एक दिन बैठक बुलाई गई, जहाँ गांव के पंडित, मुखिया और अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे।