एक कदम बदलाव की ओर - भाग 2

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गांव में अर्चना के द्वारा उठाई गई आवाज ने कुछ महिलाओं को प्रेरित किया, लेकिन समाज के कई हिस्सों में इस मुद्दे को लेकर गहरी असहमति और विरोध भी देखने को मिला। अर्चना जानती थी कि यह संघर्ष केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे समाज का था। यह उस समय की सोच और समाज की संरचना से एक जंग थी, जिसमें महिलाओं को हमेशा से एक दबे और दबाव में रहने वाली कड़ी माना गया था।गांव की गलियों में अर्चना और उसके समर्थकों की बातें सुनकर, कई लोग उन्हें असमाजिक और धार्मिक दृष्टि से गलत मानते थे। गांव के