कामसूत्र - भाग 7

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भाग 7: आचार और नैतिकता का महत्वकामसूत्र का सातवां भाग आचार और नैतिकता के महत्व पर केंद्रित है, जो किसी भी रिश्ते या शारीरिक संबंधों के स्थायित्व के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। महर्षि वात्स्यायन का मानना था कि शारीरिक संबंधों में केवल भौतिक आनंद या शारीरिक संतुष्टि ही मुख्य उद्देश्य नहीं है, बल्कि नैतिकता और सम्मान की भावना का होना भी जरूरी है। यह भाग हमें यह सिखाता है कि किसी भी प्रकार के रिश्ते में संतुलन, सम्मान, और आचार का पालन किया जाए, ताकि रिश्ता न केवल बाहरी रूप से बल्कि अंदर से भी मजबूत और सशक्त हो।आचार और