भाग 4: आत्मीयता और विश्वास का निर्माणकामसूत्र में महर्षि वात्स्यायन ने न केवल शारीरिक संबंधों को, बल्कि रिश्तों में आत्मीयता और विश्वास के निर्माण को भी अत्यधिक महत्व दिया है। आत्मीयता और विश्वास ऐसे बुनियादी तत्व हैं, जो किसी भी रिश्ते को स्थिर और गहरा बनाने में सहायक होते हैं। यह भाग इस बात पर केंद्रित है कि कैसे आत्मीयता और विश्वास को एक रिश्ते में संजोकर रखा जा सकता है और यह कैसे प्रेम और शारीरिक संबंधों को संपूर्णता प्रदान करते हैं।आत्मीयता का अर्थ और महत्वआत्मीयता केवल शारीरिक आकर्षण और संबंधों तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह दो व्यक्तियों