“ बचाओ। मेरी साड़ी खुल रही है। ” धृति वैक्यूम क्लीनर से अपना कमरा साफ करने की कोशिश कर रही थी पर ना जाने कैसे उसने अपनी साड़ी ही वैक्यूम क्लीनर में फँसा ली और अब साड़ी खुलने लगी थी। “ अब क्या कर दिया तुमने ? ” आकर्ष बाथरूम से निकलता है तो धृति को इस हाल में देखकर चौंक जाता है फिर अगले ही पल उसे गुस्सा आ जाता है। “ मेरी साड़ी … ” कहने को तो धृति और आकर्ष शादी शुदा कपल थे लेकिन वो कुछ भी बोलने में बहुत घबराती थी। बार बार वो खुद को ढकने