प्रेमाबहुत पुरानी समय की बात है, गौतम नगर का एक राजा हुआ करता था उसका नाम भैरव आर्य हुआ करता था। उसकी प्रजा उस से बहुत खुश थी,वो अपने ईमानदार और दयालु प्रवृति के कारण दूर दूर तक विख्यात था।उसके वंश में वही एक अंतिम एक राजा था जिसकी कोई संतान नहीं थी, यही एक वजह से वो बहुत परेशान रहा करता था और साथ में उसकी प्रजा भी दुखी रहती थीं।कई गांव वालों ने प्रेम पूर्वक अपने बच्चे तक को उनको समर्पित करना चाहा पर भैरव अपने वाणी और अपने कर्म पर अटल बना रहा।आस पास के राज्य से