भारत के बहुत से गांवों की तस्वीर - ’देहरी से द्वार तक’

[ नीलम कुलश्रेष्ठ ] लेखक विजय कुमार तिवारी जी का ये उपन्यास जीवन, दार्शनिकता व संस्मरण का संगम है। मैं एक प्रखर समीक्षक विजय कुमार तिवारी जी के उपन्यास की समीक्षा लिखने की हिमाकत कैसे कर सकतीं हूँ ? इसे 'देहरी से द्वार तक' का परिचय समझें। मैंने शीर्षक में लिखा है कि बहुत से गाँवों की, ये इसलिए लिखा है कि गुजरात के बहुत से गाँव बहुत समृद्ध हैं इनमें एक गाँव 'धर्मज 'है। एक बैंक ऑफ़ बड़ौदा अधिकारी  ने बताया था कि इस बैंक की यहां नौ शाखायें हैं। लोग इनमें सिर्फ़ रुपये जमा करने आते हैं। यहाँ