मेरे पापा मेरा सबसे बड़ा हौसला .....

आज काफी समय के बाद घर में 'लक्ष्मी' आई है। 'मेरी नन्ही परी', 'मेरी गुड़िया', 'मेरी सोन चिरैया ' और न जाने कितने अलग - अलग नामों से 'ज्योति' के पिता उसे पुकार रहे थे। ज्योति के आने से उसके पिता का एक नया ही रूप देखने को मिल रहा था। काम से लौटने के बाद वो सबसे पहले अपनी बेटी ज्योति को ही देखना चाहते थे। घर आकर उसी का नाम पुकारते थे। ज्योति भी बहुत शरारती थी और अपने पिता के साथ खेलने में उसे भी बड़ा अच्छा लगता था। इसलिए वो हमेशा दरवाजे के पीछे छुपकर उन्हें