बेवफा - 15

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विजय = ' बस समीरा जी इसी उम्मीद की किरण पर निर्भर हो कर बैठे है. कोई नी देखते है. क्या होता है. आखिर कार वो कब तक इंतजार करवाती है. कभी ना कभी तो वो आयेगी. 'सलोनी = ' अरे बाबा वो बहुत जल्द आ जायेगी. टेंशन ना लो आप अब चलो भी लेट हो रहा है. घर वाले भी अब ढूंढ ने को निकल जायेंगे. कॉल उन लोगो की किसीने भी नही उठाई है इस लिए. 'बंटी = ' हा अब चलो बिना देरी किए चलो रेन भाई अब हम रजा लेते है. अब हम चलते है. क्यू