सुबह का वक्त रायचंद हाऊसयशवर्धन जी अपनी खूबसूरत से लर्न में पड़े बड़े से सोफे में बैठकर सुबह का धूप ले रहे थे। सामने रखे हुए चाय की प्याली ऑलमोस्ट खत्म हो चुकी थी जो एक सिप बचा था उन्होंने कप उठा कर होठों तक लिया ही था कि उनके मोबाइल जो वही चाय के कप के पास ही रखी हुई थी बजने लगी उन्होंने चाय का कप नीचे रखा और फोन पिक करते हुए अपने अकड़ ते अंदाज में ही बोले ,"हेलो"दूसरे साइड से एक सख्श परेशान लहजे में "सर आपने आज का न्यूज़ दिखा?"यशवर्धन आंखें छोटी करते हुए