...!!जय महाकाल!!...अब आगे...!!सात्विक उन्हें देख सोच रहा था.....की वोह उससे तो कभी बात नहीं करती.....वोह दूसरे लड़के से कैसे बात कर सकती थी.....उसे ये सोच सोच कर गुस्सा आ रहा था.....वोह सारे बॉयज जहां गए थे.....वहां चला जाता है.....क्योंकि उसे भी तो शेरवानी चाहिए थी.....संभव ने उसे बात दिया था.....की वह सब किस फ्लोर में.....और कहां है.....वही द्रक्षता वहां से निकल कर वूमेंस के कलेक्शन.....जिस फ्लोर में थे वहां चली जाती है.....वोह पूरे फ्लोर को अच्छे से देख रही थी.....तभी उसे लहंगे देखती हुई.....सुरुचि,,मान्यता,,आर्या,,राम्या,,गरिमा जी,,दृशा,,विनीता जी.....दिख जाती है.....वो उनके पास चली आती है.....सुरुचि उसे देख उसके पास आते हुए:बेटा आपको