कहानी में क़ल आपने पढ़ा मैना अपने तोते को लीलावती की कहानी सुनाने लगी, वह बोली - "दक्षिण भारत में कंचनपुर केमहाराज जयसेन की पुत्री राजकुमारी लीलावती उस समय की श्रेष्ठ सुंदरी है. उनकी वह एक ही संतान है. महाराज चाहते थे कि किसी श्रेष्ठ वर के साथ अपनी पुत्री का विवाह कर अपना शेष जीवन प्रभु की शरण में बिताऊं, किन्तु राजकुमारी लीलावती की प्रतिज्ञा के कारण उसका विवाह होना असंभव था. महाराज जयसेन दिवंगत हो गये. राज्य का संचालन लीलावती करने लगी. उसकी प्रतिज्ञा थी कि जो व्यक्ति एक रात्री में अपनी बुद्धिमत्तापूर्ण बातों के द्वारा उसका मौन