नीलम कुलश्रेष्ठ पत्थर तो पत्थर होते हैं लेकिन किसी महान कलाकार की छैनी, हथौड़ी का संस्पर्श इन पर सुंदर आकृति उकेर कर इनके पत्थर हृदय में एक ऐसी सुरीली कविता उकेर देता है जो गुनगगुनाती सदी दर सदी की देहलीज़ लांघती प्रतिध्वनित होती रहती है, उनके हृदय में जो इन्हें देखने आते हैं । ऐसी ही स्थापत्य व मूर्ति की मिसाल है उड़ीसा के भुवनेश्वर में स्थित सूर्य मंदिर 'कोणार्क'. ये सारे भारत की चेतना पर एक विशाल समय चक्र के प्रतीक के रूप में छाया हुआ है, जिसके साथ पर्यटक अपना फ़ोटो लेना नहीं भूलते।। भारत के प्राचीन भव्य