--- का रोमांसरवि अलार्म बजने से पहले ही जाग जाता है। वह देखता है कि कविता अभी तक सो रही है। उसका चेहरा सुबह की हल्की धूप में और भी खूबसूरत लग रहा है। रवि उसे छेड़ने की सोचता है।रवि: (धीमी आवाज में) उठो, महारानी। सूरज भी जाग गया है।कविता करवट लेकर फिर से सोने की कोशिश करती है।कविता: (नींद भरी आवाज में) अभी थोड़ी देर और सोने दो।रवि हल्के से उसका दुपट्टा खींचता है। कविता आंखें खोलती है और शरमाते हुए उसे घूरती है।कविता: (मुस्कुराते हुए) तुम्हें सुबह-सुबह तंग करने के अलावा और कुछ नहीं आता?रवि: (हंसते हुए) नहीं, तुम्हें