ट्रैवल टाइमरवि हमेशा से ही समय की कमी का रोना रोता था। ऑफिस के प्रोजेक्ट्स, घर की जिम्मेदारियाँ और दोस्तों के बीच संतुलन बनाना उसके लिए पहाड़ चढ़ने जैसा लगता था। लेकिन इस बार उसने ठान लिया कि वह खुद के लिए समय निकालेगा। उसने एक छोटी सी ट्रिप प्लान की—पहाड़ों के बीच बसे एक छोटे गाँव "चिरागपुर" में।शनिवार की सुबह, रवि ट्रेन से चिरागपुर के लिए निकल पड़ा। ट्रेन की खिड़की से बाहर देखते हुए उसने पहली बार महसूस किया कि यात्रा का भी अपना अलग आनंद होता है। हर स्टेशन पर उतरने वाले और चढ़ने वाले मुसाफिर अपनी-अपनी