रिश्ते का बांध - भाग 6

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"वंशी...अरे ओsss वंशी..." माधव ने आवाज लगाई"हॉं भईया...क्या हुआ" वंशी दौड़ता हुआ आया"ये लो " माधव ने मुस्कुराते हुए उसे पचास रुपये पकड़ा दिए"पचास रुपये ..किसलिए भईया?" वंशी ने नोट को उलटते पलटते हुए पूँछा"खुश होकर इनाम दिया है तुम्हें आज...तुमने मेरे सारे कपड़े धोकर प्रेस जो कर दिए हैं" माधव खुश होकर बोला"तब तो ये इनाम बीबी जी को मिलना चाहिए""क्या..?." माधव चौंक गया"हाँ ...उन्होंने ही धोए हैं कपड़े भईया..." वंशी ने कहा तो माधव एकदम गंभीर हो गया और बिना कुछ बोले सीढियां उतर गया..नीचे आया तो देखा रमा सुशीला के पास बैठी थी। सुशीला जहाँ दुखी थीं