रिश्ते का बांध - भाग 4

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आवाज से चौंक कर माधव ने पीछे घूम कर देखा तो वंशी मुस्कुराते हुए उसे देख रहा था।"क्या चल रहा है ...कुछ तो नहीं" माधव नजर चुराते हुए बोला"अच्छा...सच में कुछ नहीं"...वंशी फिर हँस कर बोला"तो और क्या...क्या चलेगा भला" तनिक झुंझला कर बोला माधव"कल से देख रहा हूँ, ना कुछ खाते हो ना ही पीते हो...बस्स बेचैन दिखते हो ...जैसे अभी दिख रहे हो""अभी तो इसलिए कि रमा नहीं आई अभी तक..." माधव आवेग में बोल गया...फिर जब एहसास हुआ नहीं बोलना था तो एकदम चुप हो गया,"ओह्ह तो ये बात है" वंशी हँसते हुए बोला"...इसमें इतने हँसने जैसा