पथरीले कंटीले रास्ते 29 वक्त को सबसे बेरहम कहा गया है । वह किसी की परवाह नहीं करता । न किसी के दुख की न किसी के सुख की । कोई लाख रोकने की कोशिश कर ले , वक्त किसके रोके रुका है । वह किसी के रोके नहीं रुकता । हमेशा अपनी रफ्तार से आगे बढता रहता है । यहाँ भी यही हुआ । कहाँ तो दोनों परिवार घी खिचङी हुए रहते थे । खाना , सोना, बैठना, जागना सब साझा था । अब बग्गा सिंह के खेत में घर बना लेने से दोनों के बीच