मैरेज़ डील - एक अनोखा रिश्ता - 4

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वहां मंडप के पास काफी देर से हर कोई राजबीर के आनेका वैट कर रहा था। इस बीच कई बार बिक्रम जि अमन को कॉल लगा चूके थे। पर अमन डर के मारे कॉल रिसीव ही नहीं कर रहा था। फीर पंडित जी परेशान होते हुए बोले ...."दूल्हे को बुलाएं बिक्रम जी.... महुरत निकल राहा हे.. कहाँ हे दुल्हा।""यहां हूं में "... एक रोब दार और भारी आवाज आनेसे सब उस ओर देख ने लगे। पंडित जी मंत्र पढ़ते हुए राजवीर को मंडप में आने को इशारा कर ने लगे। तभी संध्या जी की नजर राजबीर के हाथो पे लगी