देशमुख निवास रात का वक्त मोक्ष काया के कांप ते होठों को ही देख रहा था। और उसी पर ही नजर डाले काया के भीगे बालों से बंधे जुड़े को खोल देता है। और उसके चेहरे पर बिखरे बालों के साथ खेल ते हुए उससे भी धीमी आवाज में उसके होठों के और भी करीब झुक कर रूह तक पहुंच ने वाली आवाज में बोला"Can't"...उसकी पकड़ काया पर इतनी मजबूत थी के काया हिल तक नहीं पा रही थी । वो खुद को छुड़ाने की कोशिश करते हुए धिमी आवाज के साथ बोलि"इस हरकत के लिए बहुत पछताएंगे आप ।"उसकी बात सुनकर