बाबू की मस्ती

बाबू की मस्तीगाँव के एक छोटे से मुहल्ले में एक आदमी रहता था, जिसका नाम था बाबू। बाबू हमेशा कुछ न कुछ नया करने की सोचा करता था, लेकिन उसके हर नए आइडिया में हंसी-ठिठोली छुपी रहती थी। एक दिन बाबू ने सोचा, क्यों न कुछ ऐसा किया जाए जिससे सब लोग हंसी से लोटपोट हो जाएं?उसने सबसे पहले अपने दोस्त शंकर से इस बारे में सलाह ली। शंकर बड़े गंभीर स्वभाव का आदमी था और हमेशा बाबू की मजाकिया हरकतों से दूर रहता था। बाबू ने कहा, "यार शंकर, मैं कुछ खास करने वाला हूँ, तुम मेरे साथ आओ,